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रविवार, 30 मार्च 2025

कहीं सुकून खो गया है मेरा...| Somewhere I have lost my peace of mind... | Anayankoor | Apna Thought |

कहीं सुकून खो गया है मेरा...| Somewhere I have lost my peace of mind | Anayankoor | Apna Thought |

 शायरी: कहीं सुकून खो गया है मेरा...

कहीं सुकून खो गया है मेरा,
जैसे धूप में छाँव खो गई हो...

दिल की बेचैनी ने ये दिखाया,
कि राहों में मंज़िल खो गई हो...

मुस्कान भी अजनबी-सी लगती है,
जैसे आँखों में आँसुओं का मेल खो गया हो...

खुद से ही जुदा-सा लगता हूँ मैं,
जैसे लोगों की भीड़ में कोई "अपना" खो गया हो...

ये दर्द भी अब साथ नहीं देता,
जैसे दर्द का भी हुनर खो गया हो...

रातों की नींद अब टुकड़ों में है,
जैसे सितारों से चाँद का रिश्ता खो गया हो...

पर ये तन्हाई भी तो देखो मेरी,
जो खो गया है टूटे ख्वाबों में छुपा है मेरा अफसाना,
जैसे उसे ढूँढ़ने का जज़्बा भी खो गया हो...

फिर भी ढूँढ़ता हूँ हर मोड़ पर,
कि कहीं तो मिलेगी वो छोटी-सी ख़ुशी जो खो गई हो...

-Anayankoor

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