पैसों का पेड़। How To Motivate Yourself। Money Plant।
दोस्तों, बचपन में आपने वो Dialogue तो सुना ही होगा की "पैसे पेड़ पर नही लगते"। मैं भी खुद बचपन मे अगर घर की Light बेवजह जलाता था, या फिर कभी TV ज्यादा देर रात तक देखता था। या अगर कभी ज्यादा या बेवजह पैसे खर्च करता तो घर वाले डांट देते और कहते कि पैसे की इज्जत करो। क्योंकि "पैसा पेड़ पर नही लगता" है। शायद ऐसा आपके साथ भी हुआ हो..! अब हम Indians तो बचपन से ही अपने माँ-पिताजी के हर बात पर यकीन कर लेते है। अलग बात है कि कितने मानते है और कितने नही। लेकिन उनकी कही हर बात जहन में बैठ जाती है। जैसे समय के साथ समझ आने लगती है, तो उसी बात पर यकीन भी होता है कि " पैसे पेड़ पर नहीं लगते"। तो आइए इसी बात को लेकर आपको एक कहानी सुनाता हूँ-
कहानी
ये कहानी मैने YouTube पर सुनी है। नदी से थोड़ा दूर एक गांव बसता था। 200-400 लोगों का गांव था, जिसमे विकास और किशन नाम के दो 17-18 साल के दोस्त थे। गांव के लोगो को पानी के लिए नदी पर चलके जाना पड़ता था और साथ मे खेत खलिहान, मजदूरी का काम भी करना पड़ता था। पानी दूर होने की वजह से लोग काफी परेशान रहते थे। ऐसे ही एक दिन ये दोनों दोस्त फैसला करते है कि वो लोगो को पानी लाकर देने का काम करेंगे। बदले में लोग उन्हें 20 पैसे हर मटके का दिया करेंगे। कुछ लोग भी उनकी बातों से सहमत हो जाते है और उन्हें काम दे देते है। उनकी मजाक मस्ती में शुरू हुई बात से उनके पास पैसे आने लगते है।
जब दोनों ने पानी लाना शुरू किया तो 10, 20, 30, .. मटके लाने लगे। पैसे की आस में अच्छा काम भी करने लगे और गांव के 10-15 घरों को राहत भी मिली। ऐसे करते करते 5 साल बीत गए। इन 5 सालो में उनकी गृहस्थी भी बस गयी और काम भी ठीक रोजाना चल रहा था। अचानक से गांव में बीमारी फैल जाती है, लोगो की दुआओं से विकास और किशन बीमार नही पड़े। लेकिन इसी बीच विकास सोचने लगा कि अगर किसी दिन वो बीमार पड़ गया तो उसकी आमदनी बंद हो जाएगी। ऐसे में उसकी गृहस्थी भी खराब हो जाएगी। यही बात वो किशन को बताता है। लेकिन आदत के अनुसार वो इस बात को मजाक में उड़ा देता है। साथ ही में बेफिकर होकर परेशान ना होने की सलाह देता है। जो चल रहा है उसे चलने देने को कहता है।
उस वक्त विकास कुछ कहता नही। लेकिन वो बात उसके दिमाग मे घर कर जाती है। एक दिन वो किसी दूर के गांव काम के सिलसिले में चला जाता है। गर्मी की वजह से पानी को तलाशता है। एक कुम्हार के पास पानी पीने बैठते ही उसे पास बना मटका दिख जाता है। उस मटके से पानी निकालने के लिए एक सुराही, एक नली बनाई गयी थी। जिस वजह से बिना मटके में हाथ डाले, पानी उस नली से लिया जा सकता था। विकास मिट्टी की उस नली की जानकारी लेता है और उस नली को बडे रूप में कैसे बनाया जाए? उसकी पूछताछ करता है। तो कुम्हार उसे समझाता है। विकास एक दिन उसके यहा रुककर, उसे शिक्षा के पैसे देकर पूरी जानकारी ले लेता है। दूसरे दिन एक बड़े इरादे से घर के लिए निकलता है।
गांव आते ही वो ये बात किशन को बताता है। लेकिन किशन इस बार भी उसको मजाक में उड़ा देता है। विकास फिर अकेला ही उस काम मे लग जाता है। 10 दिन की जी-तोड़ मेहनत के बाद नदी से गांव तक एक बंद नाली बनाता है। नदी के ओर पानी की एक बड़ी सुराई बनाता है। दूसरी और गांव में छोटा सा पानी का हौद बनाता है। अब उसकी पानी चलकर लाने की मेहनत बच जाती है औऱ अब वो पूरे गांव को पानी दे सकता था। ऐसे में वो अपने पानी पहुचाने के दाम 10 पैसे कर देता है। जिस वजह से पूरा गांव उससे पानी लेने लगता है। किशन के पास से जो पानी लेते थे, वो भी अब विकास से ही पानी लेने लगे और किशन अब बेरोजगार हो जाता है। इसी उपाय से वो नजदीकी गांव में भी अपना काम बढ़ाता है। अपने मिले हुए पैसों से बैल खरीदता है और कुआं भी नदी के पास जमीन लेकर खोदता है। अब वो पानी बैल के मदत से ज्यादा निकाल पाता था और हर गांव में पानी पहुंचा पाता था। इसी तरकीब से वो अपने आसपास के गांव में सबसे अमीर आदमी भी बन जाता है।
पैसों का पेड़ (Paiso ka Ped)-
इस पूरी कहानी में वो नाली क्या थी? वो थी पैसों का पेड़। अब आप कहोगे ये कैसे?
जब दोनों दोस्तो ने काम शुरू किया था, तो वो सिर्फ मेहनत कि जोर पर कमा सकते थे। लेकिन जब विकास ने नाली बनाने का सोचा, तो वो था पैसो के पेड़ का बीज। जो बाकी की गांव में भी वो पानी की नाली बनाई, वो थी पेड़ की शाखाएं। इसी नाली के साथ वो पानी पहुंचाता और पैसे कमाता था। तो आप बताये क्या ये पैसो का पेड़ नही था?
How To Motivate Yourself-
तो अब हर कोई चाहेगा कि वो भी पैसों का पेड़ लगाए। आप भी चाहते है या नही? अगर चाहते है तो क्या करना पड़ेगा? सोचिये जरा.!!
आसान है.! आपको आपके काम का बीज बोना पड़ेगा। आपके पास हजारों Ideas होते है, जरूर होते है। किसी Idea को शुरू करने के लिए ज्यादा पैसे लगते है, तो कोई idea को शुरू करने के लिए कम पैसा लगता है। अगर आप भी Sure है अपने Idea को लेकर तो फिर देर किस बात की? इंतजार मत कोजिये। दोस्त मजाक उड़ाएगा, पडोसवाला या रिश्तेदार क्या सोचेंगे? उसकी फिकर मत करिए। बस अपने Idea को execute करे और शुरू करे। क्योंकि जब तक शुरू करेंगे नहीं, तब तक कुछ होगा नही। Tata, Ambani एक दिन में नही बड़े बने है। उन्होंने कही से तो शुरुआत की थी, बिना संकोच के, अब ये बात सब जानते है। लेकिन इस को समझता कोई नही।
जो भी आपकी idea होगी, उसे शुरू कर दीजिए। Shop शुरू करना है तो अपने पास की पूंजी से शुरू करे। YouTuber, Writer, Blogger जो कुछ आपके दिमाग मे है, उसी को शुरू करने के लिए पहल कर दीजिए। क्योंकि अब रुक गए तो शायद बाद में कभी शुरू ही ना हो।