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शनिवार, 10 अक्टूबर 2020

MI Vs RCB | आशा ही हमे उम्मीद देती है-Hope is the key to Motivation

आशा ही हमे उम्मीद देती है-Hope is the key to Motivation

आशा ही हमे उम्मीद देती है-Hope is the key to Motivation

Date- 28th September 2020

   MI Vs RCB- ये रोमांचक सामना (Match) आप सब ने जरूर देखा होगा। जिसमें आप Super Over के Last Ball तक Decide नही कर सकते थे, ऐसा ये कल का मैच था। अगर आपने बारीकी से देखा होगा तो सीखा भी होगा। अगर नही तो चले आइए इसी पर आपको बताते भी है और समझाते भी है। तो MI Vs RCB Match से क्या सीखा आपने? (What You Learn From Match?)

1. Match का सारांश (Match Summary) -

   RCB Team पहले batting शुरू करती है। जहा एक अच्छी शुरुवात मिलती है, फिर Match के Middle में कप्तान विराट कोहली (Captain Virat Kohli) को जल्दी जाना पड़ता है।लेकिन बाकी Team के प्रदर्शन से एक अच्छा Score- 201 बन जाता है। जहाँ पर लगभग 50 % आश्वस्त हो जाते है कि MI के लिए जितना मुश्किल है। MI की शुरुवात होते ही Rohit Sharma Out हो जाते है और सबको लगने लगता है कि RCB will Win the Match.

   लेकिन यही से पलटवार भी शुरू होता है, जो Match आसानी से RCB जीत सकती है ऐसा लग रहा था। वो ही Match आसानी से अभी MI जीतेगी ऐसा लगने लगता है। आखिरी की 2 Balls पर Match पलटकर फिर से Tie हो जाता है। Match फिर Super Over में चला जाता है।

   Super Over में बड़ी मुश्किलों के बाद ये Match की जीत RCB के पक्ष में जाती है।

2- सबक / सीख (Learning Lesson)- 

   इतने Exciting Match की आखिर में पलभर में जीत RCB की तरफ होती, दूसरे पल में MI के तरफ। अगर Rohit, De cock  और Hardik के Out होने पर बाकी Team हौसला हार जाती तो क्या ये मुमकिन था जीत के करीब जाना? दूसरी और अगर आखरी Over में RCB लगातार दो 6 के बाद अगर उम्मीद हार देती तो Match क्या Tie हो पाता? उसी तरह सामने इतने दिग्गज खिलाड़ी होने के बावजूद Saini ने पूरी मेहनत के साथ Over डाली, अगर वो उम्मीद खो देते या हौसला खो देते तो क्या होता? उसके बाद Virat Kohli और De Villiers हौसले से ना खेलते तो क्या जीत पाते आखरी ball पर?

   दोस्तों, इस पूरे Match पर आपने गौर किया होगा तो आपको पता चला होगा कि दोनों ही Team के Players हौसले के साथ खेल रहे थे। जहाँ पर एक ही उम्मीद , एक ही लक्ष्य और एक ही Goal था - जीत का। तो आपको भी तो वही करना है जिंदगी में, वो ही सोचना है।


3- स्पष्टीकरण ( Clarification) -

   साथियों जीवन भी तो match के अनुसार ही है। जब कोई Problem नहीं तब अपना Platform बनाओ, बिना किसी Risk से अपने Goal की और अपने लक्ष्य की और बढ़ते जाओ। जैसे ही लगने लगे की अब आगे आपका सफर संभलकर और समझकर चलना है तो अपना रास्ता बनाओ। मुश्किल को हल कर अपने लक्ष्य की और बढ़ते जाओ। हो सकता है आप हार जाओ, लेकिन उम्मीद के साथ कोशिश तो करो। ताकि बाद में ये ना कह सको की अगर कुछ करता तो शायद में मुकाम तक पहुंच पाता। आप को कोशिश कभी बेकार नही जाती, आपकी वो ही उम्मीद फिर से उभरने की आशा दिखाती है। कही पर उम्मीद के बारे में पढ़ा था कि 

"उम्मीद के बगैर आदमी जीवित ही नही रह सकता।"

उसी के साथ हमारी भारत की बॉक्सर (Indian Boxer) मेरी कोम (Mary Kom) जी कहती है-

" एक हार के बाद भी जिंदगी में बहुत सारे अवसर मिलते है।"

और अलीबाबा के फाउंडर (Founder of Alibaba)- जैक मा कहते है- "Giving up is the Greatest Failure in Life."

तो दोस्तो, आखिर में यही कहूंगा कि सपना अगर बड़ा होगा तो मुश्किलें जरूर आयेंगी। उन्ही मुश्किलों से निकलने का रास्ता भी ढूंढना है और अपनी मंज़िल तक भी पहुंचना है। क्योंकि

"बिना मेहनत कभी जीत नही मिलती और मिल भी जाये तो उसकी कोई कीमत नही बचती।" खुशी तो तब मिलती है जब उस मंजिल को आप ने मेहनत से पाया हो।

इसी के साथ अपना लेख यही खत्म करता हु। आपके अभिप्राय जरूर बताये और मेरे इस Post को Share जरूर करे। अगर किसी भी तरह से कुछ गलत लिखा होगा तो माफी चाहूंगा और आगे भी आप पढ़ने आएंगे, ऐसी आशा करूँगा।

पढ़ते रहिए, आगे बढ़ते रहिए।

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर बात सरल भाषा ते अस्पष्ट रूप से तर्कसंगत रूप से निरूपित करने का साधुवाद👌🏻👌🏻👍🏻🙏🏻💐
    आशा है ऐसे ही काफी सारे मुद्दे है जिन पर चर्चा करना जरूरी व समयोचित रहेगी :पर भी कुछ ऐसा ही और पढने को मिलेगा रही अपेक्षा रहेगी।
    हार्दिक अभिनंदन

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    1. आप और भी ऐसे उपयोगी लेख इसी वेबसाइट पर पढ़ सकते है।

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